
दुर्गा पूजा रांची 2025: मोराबादी गीतांजलि क्लब दुर्गा पूजा का खास आयोजन
रांची की दुर्गा पूजा पूरे झारखंड में अपनी भव्यता और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के पंडालों की सजावट, माँ दुर्गा की प्रतिमा और सांस्कृतिक कार्यक्रम हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। इन्हीं प्रमुख आयोजनों में से एक है मोराबादी गीतांजलि क्लब दुर्गा पूजा, जो साल 2025 में भी अपनी अनूठी थीम और भव्यता के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनेगा।
गीतांजलि क्लब मोराबादी दुर्गा पूजा क्यों खास है?
गीतांजलि क्लब, मोराबादी का दुर्गा पूजा पंडाल रांची में सबसे लोकप्रिय और भीड़भाड़ वाले स्थलों में से एक है। यहाँ की थीम-आधारित सजावट और भव्य माँ दुर्गा की प्रतिमा भक्तों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव दोनों का आनंद देती है।
गीतांजलि क्लब मोराबादी दुर्गा पूजा 2025 की विशेषताएँ
- थीम आधारित पंडाल: हर साल अलग थीम और डिज़ाइन के साथ सजावट की जाती है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
- आकर्षक प्रतिमा: माँ दुर्गा की प्रतिमा अद्भुत श्रृंगार और अलंकरण के साथ भक्तों को भक्ति भाव से जोड़ती है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: शाम को गीत, नृत्य और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
- सुरक्षा और व्यवस्था: बड़ी संख्या में श्रद्धालु आने के कारण क्लब विशेष सुरक्षा और व्यवस्था का ध्यान रखता है।
- प्रसाद और भोजन स्टॉल: पूजा के दौरान प्रसाद वितरण और विभिन्न स्थानीय व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए जाते हैं।
दुर्गा पूजा 2025 की तिथियाँ
इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन 30 सितम्बर (महाष्टमी) से लेकर 4 अक्टूबर (विजया दशमी) तक होगा।
आगंतुकों के लिए सुझाव
- मोराबादी मैदान रांची का व्यस्त क्षेत्र है, इसलिए पार्किंग और भीड़ को ध्यान में रखकर समय से पहले पहुँचें।
- शाम के समय पंडाल दर्शन का अलग ही आनंद है, क्योंकि उस समय लाइटिंग और सजावट अपनी खूबसूरती दिखाती है।
- पास के स्टॉलों पर झारखंड और बंगाल के खास पकवानों का स्वाद ज़रूर लें।
निष्कर्ष
अगर आप रांची दुर्गा पूजा 2025 में भव्य पंडालों का आनंद लेना चाहते हैं, तो गीतांजलि क्लब मोराबादी दुर्गा पूजा आपकी सूची में ज़रूर होना चाहिए। यहाँ की सजावट, प्रतिमा और सांस्कृतिक कार्यक्रम इसे रांची के सबसे बेहतरीन दुर्गा पूजा पंडालों में शामिल करते हैं।
Review overview
Summary
Situation admitting promotion at or to perceived be. Mr acuteness we as estimable enjoyment up. An held late as felt know.









